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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :172
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2695
आईएसबीएन :0

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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धन

प्रश्न- नेतृत्व के प्रकार बताइए। एक नेता में कौन-कौन से गुण होने चाहिए?

उत्तर -

नेतृत्व के प्रकार प्रकृति के अनुसार नेतृत्व को निम्न भागों में बाटा गया है, इसके प्रकार निम्न हैं-

(1) जनतंत्रीय नेता - जनतंत्रीय नेता वह होता है जो अपने समूह में परामर्श तथा नीतियों एवं विधियों के निर्धारण में उनके सहयोग से कार्य करता है। अतः वह जो समूह चाहता है वही कार्य करता है।

(2) निरंकुश नेता - यह एक ऐसा नेता होता है जो कि समस्त निर्णय और अधिकार स्वयं में ही केन्द्रित कर लेता है।

(3) निर्बाधवादी नेता - यह वह नेता होता है जो अपने समूह को अधिकांशतः अपने भरोसे छोड़ देता है। समूह के सदस्थ स्वयं अपना लक्ष्य निर्धारित करते हैं और अपनी समस्याओं को सुलझाते हैं। वे स्वयं को प्रशिक्षित करते हैं और स्वयं ही अपने को अभिप्रेरित करते हैं। नेता का कार्य तो एक सम्पर्क कड़ी का रहता है। वह उन्हें कार्य करने के लिए केवल सूचना और साधन प्रदान करता है।

(4) व्यक्तिगत नेता - व्यक्तिगत नेतृत्व व्यक्ति सम्बन्धों के आधार पर स्थापित होता है। ऐसा नेता किसी कार्य के निष्पादन के सम्बन्ध में निर्देश एवं अभिप्रेरणा स्वयं अपने मुख द्वारा अथवा व्यक्तिगत रूप से देता है। इस प्रकार का नेता अपेक्षाकृत अधिक प्रभावी होता है क्योंकि अपने अनुयायियों से इनका सीधा और निजी सम्बन्ध होता है। इसमें नेता के बौद्धिक ज्ञान का विशेष महत्व होता है।

(5) संस्थागत नेता - यह ऐसा नेता होता है जिसे अपने पद के प्रभाव से उच्च स्थिति प्राप्त होती है तथा वे अपने अनुयायियों को हर प्रकार से सहयोग देता है।

(6) अव्यक्तिगत नेता - ऐसे नेतृत्व की स्थापना प्रत्यक्ष रूप से नेताओं तथा उपनेताओं के आधीन कर्मचारियों के माध्यम से होती है। इसमें मौखिक बातों के स्थान पर लिखित बातें होती है। प्रायः वर्तमान समय में इस प्रकार का नेतृत्व सभी उपक्रमों में विद्यमान है।

(7) क्रियात्मक नेता - ऐसा नेता जो अपनी योग्यता, कुशलता, अनुभव एवं ज्ञान के आधार पर अपने अनुयायियों का विश्वास प्राप्त करता है एवं उनका मार्गदर्शन करता है। अनुयायी नेता के निर्देशन एवं सलाह के आधार पर ही क्रियाओं का निर्धारण एवं निष्पादन करते हैं।

नेता के गुण

एक अच्छे नेता में निम्न गुणों का होना आवश्यक

(1) आत्मविश्वास - सर्वप्रथम एक अच्छे नेता में आत्मज्ञान पर आधारित आत्मविश्वास होना चाहिए। इस गुण के द्वारा ही वह अन्य व्यक्तियों के विश्वास को प्राप्त करने में समर्थ होगा।

(2) स्फूर्ति एवं सहिष्णुता - एक अच्छे नेता में स्फूर्ति एवं सहिष्णुता का भी गुण होना आवश्यक है। इसके द्वारा ही वह अधीनस्थ एवं अनुयायियों के सम्बन्ध में विचार करने के लिये सक्षम हो पाता है। ये गुण उसके अनुभव एवं ज्ञान वृद्धि में सहायक भूमिका निभाता है। इसके साथ ही उसके व्यक्तिगत प्रभाव को भी बढ़ाता है।

(3) संप्रेषण की योग्यता - एक अच्छे नेता में संप्रेषण की योग्यता होना भी अत्यन्त आवश्यक है। इसके साथ ही संप्रेषण के परिणामस्वरूप उसमें अन्य व्यक्तियों की प्रतिक्रिया जानने की क्षमता भी होनी चाहिए।

(4) सत्यनिष्ठा - नेतृत्व सर्वोत्तम ढंग से उसी समय कार्य करता है जबकि उसमें सद्भावना, निष्कपटता तथा सत्यनिष्ठा का गुण हो। नैतिकता, सुदृढ़ता एवं सच्चाई पर आधारित होती है।

(5) निर्णायकता - नेता में यह गुण निर्णय लेने से सम्बन्धित होता है। प्रत्येक नेता में यह क्षमता होनी चाहिए कि वह किसी भी परिस्थिति में निर्णय ले सके। क्योंकि संगठन की सफलता प्रभावकारी निर्णयकर्ता पर निर्भर होती है।

(6) उत्साहित करने की योग्यता - एक नेता में ऐसा गुण होना चाहिए कि वह अपने अनुयायियों को उत्साहित कर कार्यक्रम को सफल बना सके।

(7) साहस - एक नेता के अन्दर साहस का होना आवश्यक है। उसे वही कार्य करना. चाहिए जिन्हें वह ठीक से समझता हो। उसे निर्णय लेने के लिए और उन निर्णयों के अनुसार कार्य करने के लिए अडिग बने रहना चाहिए। बिना साहस के कोई भी सद्गुण प्रभावी नहीं होता है क्योंकि विश्वास, आशा, दया आदि गुण तब तक नहीं रह पाते जब तक उनका प्रयोग करने के लिए साहस का आश्रय न लिया जाए।

(8) विचारों में लोचशीलता - एक नेता में विचारों की लोचशीलता का गुण होना भी आवश्यक है। तीव्र गति से परितर्वनशील सामाजिक, आर्थिक वातावरण में एक नेता में लोचशीलता परिस्थितियों के बदलने पर उसके विचारों में परिवर्तन के लिए आवश्यक है।

(9) उत्तरदायित्व - उत्तरदायित्व का गुण ही एक अच्छा नेता बनने की ओर अग्रसर करता है। अपने उत्तरदायित्व को वहन करने पर ही वह अपने कर्तव्य को पूरा कर सकता है।

(10) अनुभूति - दूसरे व्यक्तियों की भावनाओं, जिज्ञासाओं, हितों तथा परिस्थितियों को समझने तथा अनुभव करने की क्षमता का गुण एक नेता में होना आवश्यक है। एक अच्छा नेता वही होता है जोकि अपने अधीनस्थों की भावनाओं के अनुरूप कार्य करे। जिस नेता में ऐसे गुण विद्यमान होते हैं लोग उसके आदेशों का पालन करते हैं। उसके निर्देश में कोई भी कार्य अपनी स्वेच्छा से करने के लिए हर समय तैयार रहते हैं।

(11) समझदारी - समझदारी का गुण भी एक अच्छा नेता बनाने में सहायक होता है 'जिससे कि वह अपने अनुयायियों को मार्गदर्शन दे सके। इस प्रकार उन्हें अपेक्षित लक्ष्यों की पूर्ति करा सके।

(12) अच्छा निर्णय - वर्तमान और भविष्य में अच्छा निर्णय लेने का गुण एक नेता में होना आवश्यक है, जिससे कि वे वर्तमान और भविष्य में किए जाने वाले कार्यों एवं समस्याओं का समाधान सुचारु रूप से कर सके।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- प्रसार शिक्षा से आप क्या समझते हैं? प्रसार शिक्षा को परिभाषित कीजिए।
  2. प्रश्न- प्रसार शिक्षा की प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
  3. प्रश्न- प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइए।
  4. प्रश्न- प्रसार शिक्षा के उद्देश्य बताइये।
  5. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा से आप क्या समझते हैं? गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइये।
  6. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के उद्देश्यों का विस्तार से वर्णन कीजिये।
  7. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा की विशेषताएँ समझाइये।
  8. प्रश्न- ग्रामीण विकास में गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का महत्व समझाइये।
  9. प्रश्न- प्रसार शिक्षा, शिक्षण पद्धतियों को प्रभावित करने वाले प्रमुख तत्वों का वर्णन करो।
  10. प्रश्न- प्रसार कार्यकर्त्ता की भूमिका तथा गुणों का वर्णन कीजिए।
  11. प्रश्न- दृश्य-श्रव्य साधन क्या हैं? प्रसार शिक्षा में दृश्य-श्रव्य साधन की भूमिका का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- सीखने और प्रशिक्षण की विधियाँ बताइए। प्रसार शिक्षण सीखने और प्रशिक्षण की कितनी विधियाँ हैं?
  13. प्रश्न- अधिगम या सीखने की प्रक्रिया में मीडिया की भूमिका बताइये।
  14. प्रश्न- अधिगम की परिभाषा देते हुए प्रसार अधिगम का महत्व बताइए।
  15. प्रश्न- प्रशिक्षण के प्रकार बताइए।
  16. प्रश्न- प्रसार कार्यकर्त्ता के प्रमुख गुण (विशेषताएँ) बताइये।
  17. प्रश्न- दृश्य-श्रव्य साधनों के उद्देश्य बताइये।
  18. प्रश्न- प्रसार शिक्षा की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
  19. प्रश्न- प्रसार शिक्षा के मूल तत्व बताओं।
  20. प्रश्न- प्रसार शिक्षा के अर्थ एवं आवश्यकता की विवेचना कीजिए।
  21. प्रश्न- श्रव्य दृश्य साधन क्या होते हैं? इनकी सीमाएँ बताइए।
  22. प्रश्न- चार्ट और पोस्टर में अन्तर बताइए।
  23. प्रश्न- शिक्षण अधिगम अथवा सीखने और प्रशिक्षण की प्रक्रिया को समझाइए।
  24. प्रश्न- सीखने की विधियाँ बताइए।
  25. प्रश्न- समेकित बाल विकास सेवा (ICDS) कार्यक्रम को विस्तार से समझाइए।
  26. प्रश्न- महिला सशक्तिकरण से आपका क्या तात्पर्य है? भारत में महिला सशक्तिकरण हेतु क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
  27. प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान की विस्तारपूर्वक विवेचना कीजिए। इस अभियान के उद्देश्यों का उल्लेख करें।
  28. प्रश्न- 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना का वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- उज्जवला योजना पर प्रकाश डालिए।
  30. प्रश्न- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान घर प्रकाश डालिए।
  32. प्रश्न- भारत में राष्ट्रीय विस्तारप्रणाली की रूपरेखा को विस्तारपूर्वक समझाइए।
  33. प्रश्न- स्वयं सहायता समूह पर टिप्पणी लिखिए।
  34. प्रश्न- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का उद्देश्य बताइये।
  35. प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  36. प्रश्न- उज्जवला योजना के उद्देश्य बताइये।
  37. प्रश्न- नारी शक्ति पुरस्कार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  38. प्रश्न- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना पर प्रकाश डालिए।
  39. प्रश्न- स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना का वर्णन कीजिए।
  40. प्रश्न- स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना पर टिप्पणी लिखिए।
  41. प्रश्न- प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना क्या है? इसके लाभ बताइए।
  42. प्रश्न- श्रीनिकेतन कार्यक्रम के लक्ष्य क्या-क्या थे? संक्षिप्त में समझाइए।
  43. प्रश्न- भारत में प्रसार शिक्षा का विस्तार किस प्रकार हुआ? संक्षिप्त में बताइए।
  44. प्रश्न- महात्मा गाँधी के रचनात्मक कार्यक्रम के लक्ष्य क्या-क्या थे?
  45. प्रश्न- सेवा (SEWA) के कार्यों पर टिप्पणी लिखिए।
  46. प्रश्न- कल्याणकारी कार्यक्रम का अर्थ बताइये। ग्रामीण महिलाओं और बच्चों के लिए बनाये गए कल्याणकारी कार्यक्रमों का वर्णन कीजिए।
  47. प्रश्न- सामुदायिक विकास से आप क्या समझते हैं? सामुदायिक विकास कार्यक्रम की विशेषताएँ बताइये।
  48. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना का क्षेत्र एवं उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
  49. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम के उद्देश्यों को विस्तारपूर्वक समझाइए।
  50. प्रश्न- सामुदायिक विकास एवं प्रसार शिक्षा के अन्तर्सम्बन्ध की चर्चा कीजिए।
  51. प्रश्न- सामुदायिक विकास की विधियों को समझाइये।
  52. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यकर्त्ता की विशेषताएँ एवं कार्य समझाइये।
  53. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना संगठन को विस्तार से समझाइए।
  54. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम को परिभाषित कीजिए एवं उसके सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- समुदाय के प्रकार बताइए।
  56. प्रश्न- सामुदायिक विकास की विशेषताएँ बताओ।
  57. प्रश्न- सामुदायिक विकास के मूल तत्व क्या हैं?
  58. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना के अन्तर्गत ग्राम कल्याण हेतु कौन से कार्यक्रम चलाने की व्यवस्था है?
  59. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम की सफलता हेतु सुझाव दीजिए।
  60. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना की विशेषताएँ बताओ।
  61. प्रश्न- सामुदायिक विकास के सिद्धान्त बताओ।
  62. प्रश्न- सामुदायिक संगठन की आवश्यकता क्यों है?
  63. प्रश्न- कार्यक्रम नियोजन से आप क्या समझते हैं?
  64. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम क्या है?
  65. प्रश्न- प्रसार प्रबन्धन की परिभाषा, प्रकृति, सिद्धान्त, कार्य क्षेत्र और आवश्यकता बताइए।
  66. प्रश्न- नेतृत्व क्या है? नेतृत्व की परिभाषाएँ दीजिए।
  67. प्रश्न- नेतृत्व के प्रकार बताइए। एक नेता में कौन-कौन से गुण होने चाहिए?
  68. प्रश्न- प्रबंध के कार्यों को संक्षेप में समझाइए।
  69. प्रश्न- प्रसार शिक्षा या विस्तार शिक्षा (Extension education) से आप क्या समझते है, समझाइए।
  70. प्रश्न- प्रसार शिक्षा व प्रबंधन का सम्बन्ध बताइये।
  71. प्रश्न- विस्तार प्रबन्धन से आप क्या समझते हैं?
  72. प्रश्न- विस्तार प्रबन्धन की विशेषताओं को संक्षिप्त में समझाइए।
  73. प्रश्न- प्रसार शिक्षा या विस्तार शिक्षा की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
  74. प्रश्न- विस्तार शिक्षा के महत्व को समझाइए।
  75. प्रश्न- विस्तार शिक्षा तथा विस्तार प्रबंध में क्या अन्तर है?

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